अग्रकुल भूषण परम पूज्य महाराजा अग्रसेन अग्रवंश समुदाय के कुलपिता हैै। आपका जन्म प्रतापनगर में सूर्यवंशी क्षत्रिय राजा वल्लभसेन के घर हुआ| वे महाराजा धनपाल की छठी पीढ़ी में जन्मे और अपने पिता की ज्येष्ठ पुत्र थे। उनका जीवनकाल पाँच हजार वर्ष से भी पूर्व महाभारत (द्वापर) युग में माना जाता है। अग्रसेन महराज ने अग्रोहा जो वर्तमान में हरियाणा के हिसार जिले में आता है, को अपनी राजधानी बनाया| वर्तमान में यहाँ अग्रवालों (वैश्यों) की कुलदेवी महालक्ष्मी का बहुत ही सुन्दर एवं मनभावन भय मंदिर का निर्माण किया गया है, जिसे अग्रवालों का शक्तिपीठ भी कहा जाता है। अपने पूर्वज महाराजा अग्रसेन को समाजवाद का अग्रदूत कहा जाता है। अपने क्षेत्र में सच्चे समाजवाद की स्थापना हेतु उन्होंने नियम बनाया कि उनके नगर में बाहर से आकर बसने वाले आगंतुक की मदद करने के लिए नगर का हर एक रहिवासी उसे एक मुद्रा और एक ईंट दान स्वरुप देगा, जिससे सहजता से उसके लिए निवास स्थान की व्यवस्था हो जाए। महाराजा अग्रसेन का विवाह नागराज कुमुद की पुत्री माधवी संग हुआ जिनसे उनके 18 पुत्र उत्पन्न हुए।